Saturday 28 January 2017

पद्म विभूषण

पद्म विभूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये असैनिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। भारत रत् के बाद यह दूसरा प्रतिष्ठित सम्मान है। पद्म विभूषण के बाद तीसरा नागरिक सम्मान पद्म भूषण है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं। इस सम्मान में एक पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

इतिहास

इस सम्मान की स्थापना राष्ट्रपति द्वारा 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। 1955 में इसमें कुछ फेरबदल किए गये। प्रारम्भिक सम्मान प्राप्तकर्ताओं के प्रमाण अनुपलब्ध हैं। 1977-1980 और 1992-1998 के बीच यह सम्मान स्थगित रहे। 2017 के अंत तक यह सम्मान केवल 301 व्यक्तियों को ही दिये गये।

पदक का विवरण

प्रथम पदक
यह पदक 1954 से 1955 तक ही दिया गया। यह स्वर्ण द्वारा निर्मित एक गोल पदक था। जिसका व्यास 1-3/8" था। इसके मध्य में उभरा हुआ कमल का फूल, उपर लिखा हुआ; पद्म विभूषण; और नीचे पुष्पहार अंकित था। पदक के दूसरी ओर भारत सरकार का चिह्न, ऊपर; देश सेवा; अंकित था और नीचे कमल की माला अंकित थी। यह प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं कि इस स्वरूप का पदक प्राप्तकर्ताओं को दिया गया अथवा नहीं।
द्वितीय पदक
1955 में पदक के स्वरूप में बदलाव किया गया। 1-3/16" व्यास के, ज्यामिति स्वरूप वाले कांस्य वर्ण के पदक का प्रयोग किया गया जिसके मध्य में कमल की चार उभरी हुयी पत्तियाँ सफ़ेद सोने में बनी थीं। इस फूल के ऊपर और नीचे रजत रंग में पद्म विभूषण अंकित था।
वर्तमान पदक
1957 में इस पदक में सुधार कर इसके प्रचलित कांस्य वर्ण को चमकते हुए कांस्य वर्ण में बदल दिया गया।
इस साल 7 लोगों को पद्म विभूषण, 7 लोगों को पद्म भूषण और 75 लोगों को पद्म श्री प्रदान किया गया है.

प्रसिद्ध संगीतकार येसुदास, एनसीपी के सुप्रीमों शरद पवार, वरिष्ठ बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. ए. संगमा को भी मरणोपरांत पद्म विभूषण दिया गया.

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